दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (10-04-2013) के "साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210) (मयंक का कोना) पर भी होगी!सूचनार्थ...सादर!
बहुत सुंदर प्रस्तुति
कम शब्दों में गहन भावार्थ - बधाई !
उत्कृष्ट प्रस्तुति-शुभकामनायें स्वीकारें-
चंद पंक्तियां विरोधाभास को व्यक्त करने वाली। अंधेरे में चलाना उजाला पकडने के लिए सूरज तो दिखा पर सबेरा न होना अद्भुत कल्पना।drvtshinde.blogspot.com
वाह, बहुत बढ़ियासार्थक रचनासादर !
अंधेरे में चले थे उजाला पकडने सूरज तो दिखा सवेरा नहीं हुआ------वाह ... बहुत ही उम्दा भाव आभार
बहुत सुन्दर....रचना
सुन्दर भावपूर्ण दार्शनिक प्रस्तुति ,
बहुत खूब ... उजाला तो मिला पर हाथ नहीं आया ..
बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुतिकरण.
अद्भुत भाव।
bahuy sundar jyoti ji hardik badhai
वाह, बहुत बढ़िया
आपने कम पंक्तियों में संवेदित भावों को इतना उबाला कि इनकी भाप से हम भी नम हो गए हैं।
acchi rachna
बहुत बढ़िया
बेहतरीन पंक्तियाँ।
पर बुद्धिरूपेण माँ ने वह सवेरा दे दिया - ब्लॉग बहुत सुन्दर लग रहा है
नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायेंआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में मेरी मांग
वाह कम शब्दों मे ज्यादा बात ---
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्तिआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में मेरी मांग
कम शब्दों में मार्मिक बात कहने की आपकी सामर्थ्य अद्भुत है ।
बहुत सुन्दर,उत्कृष्ट..पंक्तियाँ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (10-04-2013) के "साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210) (मयंक का कोना) पर भी होगी!
सूचनार्थ...सादर!
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में गहन भावार्थ - बधाई !
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें स्वीकारें-
चंद पंक्तियां विरोधाभास को व्यक्त करने वाली। अंधेरे में चलाना उजाला पकडने के लिए सूरज तो दिखा पर सबेरा न होना अद्भुत कल्पना।
जवाब देंहटाएंdrvtshinde.blogspot.com
वाह, बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना
सादर !
अंधेरे में चले थे
जवाब देंहटाएंउजाला पकडने
सूरज तो दिखा
सवेरा नहीं हुआ------
वाह ... बहुत ही उम्दा भाव
आभार
बहुत सुन्दर....रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण दार्शनिक प्रस्तुति ,
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... उजाला तो मिला पर हाथ नहीं आया ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुतिकरण.
जवाब देंहटाएंअद्भुत भाव।
जवाब देंहटाएंbahuy sundar jyoti ji hardik badhai
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआपने कम पंक्तियों में संवेदित भावों को इतना उबाला कि इनकी भाप से हम भी नम हो गए हैं।
जवाब देंहटाएंacchi rachna
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंपर बुद्धिरूपेण माँ ने वह सवेरा दे दिया - ब्लॉग बहुत सुन्दर लग रहा है
जवाब देंहटाएंनवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
वाह कम शब्दों मे ज्यादा बात ---
जवाब देंहटाएंनव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
मेरी मांग
कम शब्दों में मार्मिक बात कहने की आपकी सामर्थ्य अद्भुत है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर,उत्कृष्ट..पंक्तियाँ।
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