उम्मीद तो हरी है .........
दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
शुक्रवार, जून 29, 2012
हालात
मज़बूरी और मजदूरी से
बदतर हुए हालात
दवा दुआ का पता नहीं
रोग बढ़ रहे दिन रात
जीवन जीने के लिए
गिरवी रखे जज्वात .........'ज्योति'
1 टिप्पणी:
संजय भास्कर
30 जून 2012 को 10:28 am बजे
टीस है ये दर्द की
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टीस है ये दर्द की
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