उम्मीद तो हरी है .........

दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है

रविवार, अगस्त 03, 2025

दोस्त के लिए

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दोस्त के लिए *********** दोस्त तुम्हारी भीतरी चिंता तुम्हारे चेहरे पर उभर आयी है तुम्हारी लाल आँखों से साफ़ झलकता है कि,तुम उदासीन लोगों को ज...
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बुधवार, जुलाई 16, 2025

नहीं रख पाते

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नहीं रख पाते ********** खिलखिलाती बरसात नहला देती है पसीने से सनी धूप को उतरकर दीवारों के सहारे घुस जाती है घर के भीतर भर देती है मौन संबंधो...
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गुरुवार, मार्च 20, 2025

आजकल वह घर नहीं आती

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आजकल वह घर नहीं आती ********************** चटकती धूप में  लाती है बटोरकर तिनके रखती है घर के सुरक्षित कोने में  फिर बनाती है अपना शिविर घर ज...
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शनिवार, मार्च 08, 2025

स्त्री पिस जाती है

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स्त्री पिस जाती है  ************* स्त्री पीसती है सिल-बट्टे में ससुर की देशी जड़ी बूटियां सास के लिए सौंठ,कालीमिर्च,अजवाइन पति के तीखे स्वाद ...
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शुक्रवार, फ़रवरी 14, 2025

गुलाब

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कांटों के बीच खिलने के बावजूद सम्मोहित कर देने वाले  इनके रंग और देह से उड़ती हुई जादुई सुगंध को सूंघने भौंरों का  लग जाता है मज़मा सूखी आंखों...
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गुरुवार, अक्टूबर 17, 2024

थिरकेगा पूरा गांव

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थिरकेगा पूरा गांव *************** तुम्हारी चूड़ियों की  पायलों की  तभी आती है आवाज़ जब में जुटा रहता हूं काम पर तुम्हारी आहटें  मेरे चारों तरफ...
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गुरुवार, अगस्त 08, 2024

तुम्हारी खिलखिलाहट में

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तुम्हारी खिलखिलाहट में ******************* यह बात क्यों नहीं मानती कि बिना आभूषण बिना श्रृंगार के वैसे ही लगती हो जैसी की तुम हो शांत,निर्मल...
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Jyoti khare
छिंदवाडा, India
अपनी ज़मीन पर खड़ा एक साधारण आदमी.... http://www.youtube.com/c/jyotikhare
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