गुरुवार, मार्च 28, 2013

रंग बह गये------

धुल गया
गाल पर लगा रंग 
उंगलियों के
निशान रह गये----
चलते रहे आँखों में
अतीत के चलचित्र
स्मृतियाँ रह गयी
रंग बह गये------

"ज्योति खरे" 



16 टिप्‍पणियां:

  1. स्मृतियाँ ब्लैक और वाइट् में ही आतीं हैं...रंग उड़ चुके होते हैं...

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  2. वाह ....कम शब्दों में सब कह गए ...बहुत सुन्दर...:)

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  3. वाह क्या बात है आदरणीय गहन अभिव्यक्ति लाजवाब प्रस्तुति बधाई

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  4. सुन्दर प्रस्तुति व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

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  5. रंग बह गये ....
    और रंग एक हो गए ..
    -----------------
    बहुत सुन्दर

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  6. आप सभी सम्मानित मित्रों का आभार

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