आपने लिखा....हमने पढ़ा और लोग भी पढ़ें; इसलिए कल 28/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी देख लीजिएगा एक नज़र .... धन्यवाद!
कभी छूटते हैं जाने-अंजाने अपनों से अपने कभी-कभी छूट जाते हैं आंखों में बसे अपने ही सपने ऐसे ही कहीं छूट जाता है हाथों से हाथ !! दूर हो जाता है कोई बहुत खा़स और तो और एक दिन छूट जाती है यूँ ही जिन्दगी भी !!!
आपकी यह अप्रतिम प्रस्तुति 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक की गई है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर पधारकर अवलोकन करें और आपका सुझाव/प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
बहुत ही सुन्दर! आपको ढेरों बधाई इस बेहतरीन रचना हेतु! आपके आदेशानुसार आपके ब्लाॅग का अनुसरण कर रहा हूं। आपसे आग्रह है कि आप मुझे अपना आशीष दें। http://voice-brijesh.blogspot.com
कभी छूटते हैं जाने-अंजाने अपनों से अपने कभी-कभी छूट जाते हैं मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
निर्मोही के लिए
जवाब देंहटाएंअपनों से भी दूर हुए
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए धन्यवाद!
bhot khub waaaaaah
जवाब देंहटाएंअपने ही तो खो गए हैं
जवाब देंहटाएंपरायों से कैसे अपनेपन
की उम्मीद करें .......
सुंदर प्रस्तुति... काजल को लगाकर पहचानता इन्द्रधनुष.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति... काजल को लगाकर पहचानता इन्द्रधनुष.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति... काजल को लगाकर पहचानता इन्द्रधनुष.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंकाश.......
जवाब देंहटाएंमगर ये हो न सका..
बढ़िया!!!
सादर
अनु
आपने लिखा....हमने पढ़ा
जवाब देंहटाएंऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 28/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
बहुत बढ़िया,उम्दा प्रस्तुति !!! ,
जवाब देंहटाएंRecent post: तुम्हारा चेहरा ,
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंकभी छूटते हैं जाने-अंजाने
जवाब देंहटाएंअपनों से अपने
कभी-कभी छूट जाते हैं
आंखों में बसे अपने ही सपने
ऐसे ही कहीं छूट जाता है
हाथों से हाथ !!
दूर हो जाता है कोई बहुत खा़स
और तो और एक दिन छूट जाती है
यूँ ही जिन्दगी भी !!!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंप्रेम की कसमसाहटें जो ना करायें कम ही है
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (28-04-2013) के चर्चा मंच 1228 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंwaah...Beautifully expressed.
जवाब देंहटाएंआपकी यह अप्रतिम प्रस्तुति 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक की गई है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर पधारकर अवलोकन करें और आपका सुझाव/प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरती से अपनी बात कहती .कविता ..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंअत्यंत गंभीर भाव समेटे खूबसूरत कविता.
जवाब देंहटाएंआभार.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंlatest postजीवन संध्या
latest post परम्परा
प्यार का खुरदरापन - अनूठी, अत्यंत संवेदनशील कल्पना
जवाब देंहटाएंप्रेम की कल्पनायों को नया आयाम दिया है ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
प्यार का खुरदरापन
जवाब देंहटाएंवाह
आप अच्छा लिखते हैं सर
बहुत सुन्दर और प्रेम को छूती सार्थक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंप्यार का खुरदरापन और ज़ख़्मी रिश्ते!
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति.
सुन्दर रचना ज्योति जी
जवाब देंहटाएंतुम्हारी ओढ़ी हुई
जवाब देंहटाएंपारदर्शी चुनरी से
देख पाता
अपनों को-------
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
मन की गहराइयों से उपजे कोमल भाव
जवाब देंहटाएंwaaaaaaaahhhhhhhh.........dil muskuraa utha ...ise pr kr...waah
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर! आपको ढेरों बधाई इस बेहतरीन रचना हेतु!
जवाब देंहटाएंआपके आदेशानुसार आपके ब्लाॅग का अनुसरण कर रहा हूं। आपसे आग्रह है कि आप मुझे अपना आशीष दें।
http://voice-brijesh.blogspot.com
कभी छूटते हैं जाने-अंजाने
जवाब देंहटाएंअपनों से अपने
कभी-कभी छूट जाते हैं
मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
आपकी यह सुन्दर रचना निर्झर टाइम्स (http://nirjhar-times.blogspot.com) पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।
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