उम्मीद तो हरी है .........
दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
शुक्रवार, जुलाई 12, 2013
फूलों ने आने की खबर भेजी है-------
बात क्षितिज पर बनाये रखिए
हो-हल्ला हरदम मचाये रखिए-----
काठ के पैर ठेके से बने हैं
कठपुतली बना नचाये रखिए-----
फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए-----
जान बचा भाग रही घबड़ाई भीड़
आप अपने को बचाये रखिए-----
"ज्योति खरे"
चित्र गूगल से साभार
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