दोस्तों के लिए दुआ
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मैं बजबजाती जमीन पर खड़ा
मांग रहा हूँ
दोस्तों के लिए दुआ
सबकी गुमशुदा हंसी
लौट आये घर
कोई भी न करे
मजाकिया सवाल
न सुनाए बेतुके कहकहे
मैं सबकी आँखों में
धुंधलापन नही
सुनहरी चमक
दुख सहने का हुनर
औऱ
सुख भोगने का सलीका
दुश्मनों से दोस्ती हो
मैं मांग रहा हूँ
तुम्हारे और मेरे भीतर
पनप रही खामोशियों को
तोड़ने की ताकत
दोस्तो
हम सब मिलकर
सिद्ध करना चाहते है
कि
अपन पक्के दोस्त हैं----
"ज्योति खरे"
आमीन।
जवाब देंहटाएंसबकी गुमशुदा हंसी
जवाब देंहटाएंलौट आये घर
कोई भी न करे
मजाकिया सवाल
न सुनाए बेतुके कहकहे
मैं सबकी आँखों में
धुंधलापन नही
सुनहरी चमक
दुख सहने का हुनर
औऱ
सुख भोगने का सलीका
दुश्मनों से दोस्ती हो
मैं मांग रहा हूँ
तुम्हारे और मेरे भीतर
पनप रही खामोशियों को
तोड़ने की ताकत...बहुत ही सुंदर सृजन सर।मन को छूता।
सादर
बहुत सुंदर रचना
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