फूल
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मैं
किसकी जमीन पर
अंकुरित हुआ
किस रंग में खिला
कौन से धर्म का हूं
क्या जात है मेरी
किस नाम से पुकारा जाता हूं
मुझे नहीं मालूम
मुझे तो सिर्फ इतना मालूम है
कि,छोटी सी क्यारी में
खिला एक फूल हूं
जिसे तोड़कर
अपने हिसाब से
इस्तेमाल करने के बाद
कचरे के ढेर में
फेंक दिया जाता है----
"ज्योति खरे"