फुदक फुदक
आँगन में आकर
सामूहिक चहचहाती
अन्नपूर्णा का भजन सुनाती
दाना चुगती
फुर्र हो जाती---
धूप चटकती तब
तिनके तिनके जोड़ जोड़ कर
घर के कोने में
घोंसला बनाती
जन्मती
नन्ही चहचहाहट
देखकर आईने में
चोंच मारती
थक जाती तो
फुर्र हो जाती-----
समझ गयी जब से तुम
आँगन आँगन
जाल बिछे हैं
हर घर में
हथियार रखे हैं
फुदक फुदक कर
अब नहीं आती
टुकुर मुकुर बस देखा करती
फुर्र हो जाती------
एक निवेदन चिड़िया रानी
लौट आओ अब
घर आँगन
नये सिरे से
खोलो द्वार
चहको और चहकाओ-------
"ज्योति खरे"
सुंदर कविता ...बनी रहे गौरैया की चहक
जवाब देंहटाएंएक निवेदन चिड़िया रानी
जवाब देंहटाएंलौट आओ अब
घर आँगन
नये सिरे से
खोलो द्वार
चहको और चहकाओ----
सुने दर ओ दिवार को गुलज़ार करो
सादर !!
लौट आओ अब
जवाब देंहटाएंघर आँगन
नये सिरे से
खोलो द्वार
चहको और चहकाओ--
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चिड़ियों को बचाने की जद्दोजहद घर में भी घर से बाहर भी ....
बेहतरीन पोस्ट ...
आपकी कविता फूल बेचने वाली लड़की के जज्बातों से छोटी सी चिड़िया तक बहुत विस्तृत आयाम छूती है और हेडर पर पड़ा पतझड़ में गिरे पत्ते को देखकर अजीब सा विषाद दिल को छू जाता है लेकिन उम्मीद तो हरी है आपकी सकारात्मकता इसे नये अर्थ दे जाती है।
जवाब देंहटाएंचिड़ियों की चहक खो गई है. मन तो बहुत चाहता है रुकी रहे पर वातावरण विरोधी है. आरज़ू है...
जवाब देंहटाएंलौट आओ अब
घर आँगन
नये सिरे से
खोलो द्वार
बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
बिन गौरैया घर - आँगन सूना... लौट आओ गौरैया...बहुत सुन्दर रचना, बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंएक निवेदन चिड़िया रानी
जवाब देंहटाएंलौट आओ अब
घर आँगन
नये सिरे से
खोलो द्वार
चहको और चहकाओ-------इस विलुप्त होती हुई छोटीसी ख़ुशी को बचाना होगा ..चाहे जैसे ...!!!
very nice lines ...kudos!!!!
जवाब देंहटाएंplz . visit http://swapnilsaundarya.blogspot.in/2013/03/blog-post_21.html
आप सभी मित्रों का बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर भाव युक्त आह्वान!!
जवाब देंहटाएंगौरैया पर बहुत ही लालित्यपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंखपरे-वाले घर में मेरा
रहा घोंसला कभी चितेरा
छप्पर उजड़ी,
सबकुछ उजड़ा
कंकरीट - वन देख दूर से
फुर्र हो जाती---
सुन्दर रचना और चित्र भी .
जवाब देंहटाएंयहाँ हम गौरैया देख पाते हैं रोज़..
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंlatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंप्रभावी अभिव्यक्ति .......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ,
जवाब देंहटाएंसाभार....
सुन्दर कविता लिखी है आपने मैं आशा करता हूँ की गौरैया सदा ही ऐसे चूँ-चूँ करती रहे। आभार :)
जवाब देंहटाएंनये लेख : भगत सिंह, 20 रुपये के नये नोट और महिला कुली।
विश्व जल दिवस (World Water Day)
विश्व वानिकी दिवस
"विश्व गौरैया दिवस" पर विशेष।