गजब का जलवा है तुम्हारा
डंके की चोट पर
गली गली
स्थापित कर के रखे हो
अपना लिंग
और गुंडागर्दी तो देखो
दूध,दही,शहद से नहलाओ
फल फूल चढाओ
कोमल अखंडित
तीन पत्ती वाली
बेलपत्री रखो
तब मिलेगा पीने
चरणामृत
मजाल है कोई कर दे
तुम्हारे सामने नंगई
ना बांधे कोई भक्त
विरोध शमन का
रक्षासूत्र
कुचारवा देते हो
नंदियों से
कमाल के गोटीबाज हो
हड़का कर रखते हो
भक्तों को
वाह भोले वाह--------
"ज्योति खरे"
किसी बहाने ही सही ब्लॉग में भोले को याद तो किया। बढ़िया।
जवाब देंहटाएंआपने भी भोलेनथ को अच्छा घुड्काया-चलो भक्त और भगवान में चलता है
जवाब देंहटाएंlatest postअहम् का गुलाम (दूसरा भाग )
latest postमहाशिव रात्रि
bhakt aur bhagwan ke beech sunder prem ki bangi
जवाब देंहटाएंaap sabhi ka aabhar
जवाब देंहटाएंवह जैसे भी हैं.....बहुत बहुत बहुत अच्छे हैं ....हमारे भोले बाबा....भक्त का कितना ख्याल भी तो रखते हैं .....कितनी जल्दी प्रसन्न होकर वरदान दे देते हैं ...यह भी नहीं सोचते ...की देना उचित भी है की नहीं...सबके प्रिय भोले बाबा ...:)
जवाब देंहटाएंभोले बाबा की क्लास ले ली आपने,,, बढ़िया :-)
जवाब देंहटाएंसादर !
सभी मित्रों का आभार
जवाब देंहटाएंइतने सस्ते और सुलभ वस्तुओं से मानने वाले और ना कोई दूजा
जवाब देंहटाएंॐ नम: शिवाय ....
हर-हर महादेव ....
शिवाय नम: ॐ .... !!
हर-हर महादेव ....
जवाब देंहटाएंअब बोलेनाथ ने क्या कर दिया ..... य भोले के बहाने किसी और पे गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं ?
जवाब देंहटाएंatiutam-***
जवाब देंहटाएंSUNDAR ,JAI BHOLE NATH, HAR HAR MAHADEV
जवाब देंहटाएंwah ! ye bhi bhakti dihkane ka apna hi tarika hai
जवाब देंहटाएंबहुत गंभीर सोच की रचना. आस्था भी अजीब है, जिसके लिए कोई तर्क नहीं.. शुभकामनाएँ.
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