पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !! कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा ! ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं 2013 (17) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
Very nice..
जवाब देंहटाएंWould like to translate it , if you allow me
Thanks
माँ है न ... सुख दुख .. जब जब मिलती है ओलाद से रोती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण रचना ...
माँ तुम्हें आती है हिचकी ?
जवाब देंहटाएंमेरे हर पल तुम्हें पुकारते हैं
बहुत भावपूर्ण रचना ..
जवाब देंहटाएंरोन दो उसे, खुशी और दुख के आंसू होंगे।
जवाब देंहटाएंबहुत भोलेपन से लिखी गई कविता दिल तक उतर गया |
जवाब देंहटाएंlatest post महिषासुर बध (भाग २ )
वाह, खूबसूरत
जवाब देंहटाएंमाँ के आँसू भी तो जिगर से निकलते हैं.....
जवाब देंहटाएंउसके वश में कहाँ रोना/न रोना.....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
सादर
अनु
marmik .....ma bin suna hota hai mn ka kai kona ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना..... भावो का सुन्दर समायोजन......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन,सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : - एक जबाब माँगा था.
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना ..
जवाब देंहटाएंnice blog ...bhaavon se bhari rachnayen
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंआपकी कविता अच्छी लगी ...'माँ ' पर एक संग्रह निकाल रही हूँ अपनी दो रचनायें संक्षिप्त परिचय और तस्वीर के साथ भेज दें .....
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति सर
जवाब देंहटाएंपिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
जवाब देंहटाएंकई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं 2013 (17) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !