उसी दिन रख दिया था
हथेली पर तुम्हारे
जिस दिन
मेरे आवारापन को
स्वीकारा था तुमने-
सूरज से चमकते गालों पर
पपड़ाए होंठों पर
रख दिये थे मैने
कई कई चाँद----
करवा चौथ का चाँद
उसी दिन रख दिया था
हथेली पर तुम्हारे
जिस दिन
विरोधों के बावजूद
ओढ़ ली थी तुमने
उधारी में खरीदी
मेरे अस्तित्व की चुन्नी--
और अब
क्यों देखती हो
प्रेम के आँगन में
खड़ी होकर
आटे की चलनी से
चाँद----
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
तुम्हारा अपना चाँद----
"ज्योति खरे"
चित्र -
गूगल से साभार
हथेली पर तुम्हारे
जिस दिन
मेरे आवारापन को
स्वीकारा था तुमने-
सूरज से चमकते गालों पर
पपड़ाए होंठों पर
रख दिये थे मैने
कई कई चाँद----
करवा चौथ का चाँद
उसी दिन रख दिया था
हथेली पर तुम्हारे
जिस दिन
विरोधों के बावजूद
ओढ़ ली थी तुमने
उधारी में खरीदी
मेरे अस्तित्व की चुन्नी--
और अब
क्यों देखती हो
प्रेम के आँगन में
खड़ी होकर
आटे की चलनी से
चाँद----
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
तुम्हारा अपना चाँद----
"ज्योति खरे"
चित्र -
गूगल से साभार
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद- बहुत प्यारा चाँद
बहुत खुबसूरत रचना !
नई पोस्ट मैं
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद-
नमन आपके जज्बात को
मंगलकामनाएं
सादर
bohat sundar abhivyakti..bhavpoorn
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत.....
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद-
वाह ! बहुत उम्दा अभिव्यक्ति ,,,क्या बात है !
RECENT POST -: हमने कितना प्यार किया था.
सुन्दर बिम्ब अर्थ और भाव .
जवाब देंहटाएंये यूपी वाले छननी यानी जो छाने निथारे को भैया चलनी ही बोलते हैं .
इस पोस्ट की चर्चा, बृहस्पतिवार, दिनांक :-24/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -33 पर.
जवाब देंहटाएंआप भी पधारें, सादर ....
मन को छूते भावों के साथ उत्कृष्ट प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउत्तम भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअंतस की गहराइयों से उपजे प्रेम की कथा ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब रचना ...
बहुत ख़ूबसूरत प्रेममयी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत प्रेम की अभिव्यक्ति .....
जवाब देंहटाएंवाह, क्या कहना!
जवाब देंहटाएंगजब...तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद..........
बहुत ही खूबसूरत प्रेमाभिव्यक्ति |सीधे ह्रदय से ,अंतर्मन से |बहुत बहुत आभार ,इतना सुंदर लिखने के लिए |
जवाब देंहटाएंडॉ अजय |
'अजेय-असीम' ब्लॉग से |
प्रेम का खूबसूरत रेखांकन
जवाब देंहटाएंवास्तविकता में बहुत ही ख़ूबसूरत प्रेमयीं रचना
जवाब देंहटाएंहिंदी टाइपिंग साफ्टवेयर डाउनलोड करें
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद- बहुत प्यारा चाँद
waah bahut hi achhi rachna hai, prem bhaav se bhari.
shubhkamnayen
तुम्हारी मुट्ठी में कैद है
जवाब देंहटाएंतुम्हारा अपना चाँद-
..............वाह ! बहुत उम्दा
मेरे ब्लॉग में समल्लित हों
http://sanjaybhaskar.blogspot.in
प्रेम का अहसास लिए सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएं:-)
वाह ! बहुत सुंदर प्रस्तुति ..मेरे भी ब्लॉग पर आयें
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात कही है....
जवाब देंहटाएंदौर पतझड़ का, उम्मीद तो हरी है.....
।
रहनी भी चाहिए....।
बधाई, उम्मीद के लिए...रचना के लिए....
अनुजा