रविवार, अप्रैल 24, 2022

किस्से सुनाने

किस्से सुनाने
-----------------
बारूद में लिपटी
जीवन की किताब को
पढ़ते समय
गुजरना पड़ता है
पढ़ने की जद्दोज़हद से

दहशतजदा दीवारों में 
जंग लगी
खिड़कियों को बंद कर
देखना पड़ता है
छत की तरफ़
नींद में चौंककर
रोना पड़ता है
बच्चों की तरह

पत्थर में बंधे
तैरते समय को
डूबने से बचाने
फड़फड़ाना पड़ता है
कि कहीं डूब न जाए
रेगिस्तानी नदी में

अपने वजन से भी ज्यादा
किताबें उठाकर
जंगली दुनियां से निकलकर
भागना चाहता हूं
गिट्टियों की शक्ल में 
टूट रहे पहाड़ों के बीच
उन्हें
किताबों में लिखे
सच्ची मुच्ची के
किस्से सुनाने---

◆ज्योति खरे

13 टिप्‍पणियां:

  1. बारूद में लिपटी
    जीवन की किताब को
    पढ़ते समय
    गुजरना पड़ता है
    पढ़ने की जद्दोज़हद से
    जीवन की राहें आसान कर देती हैं किताबें । बहुत सुन्दर सृजन ।

    जवाब देंहटाएं
  2. पत्थर में बंधे
    तैरते समय को
    डूबने से बचाने
    फड़फड़ाना पड़ता है
    कि कहीं डूब न जाए
    रेगिस्तानी नदी में... वाह!गज़ब कहा सर।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बारूद में लिपटी
    जीवन की किताब को
    पढ़ते समय
    गुजरना पड़ता है
    पढ़ने की जद्दोज़हद से

    बहुत खूब सर, लाजवाब सृजन,सादर नमस्कार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. जीवन के गहरे यथार्थ का सजीव चित्रण, सुंदर रचना ।

    जवाब देंहटाएं