टाई की नॉट
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लड़की ने
पिता से पूछा
विवाह में
लड़के को
शूट,टाई,जूते
क्यों देते हैं
पिता
क्या कहते
बस सोचते रहे
बेटी के लिए
वर ऊंची कीमत पर
खरीदना पड़ता है
लड़के ने
पिता से पूछा
विवाह में
लड़की को
लहंगा,चुनरी,जेवर
और श्रृंगार का सामान
क्यों देते हैं
पिता ने कहा
उसके सजने संवरने के लिए
वह क्या कहते
कि मैं
बेटे को बेच रहा हूँ
परम्परा,संस्कार
का पाठ सीखते
दो पिता
दो रिश्तों की वकालत में
जीवन भर उलझे रहते हैं
और
दो अजनबी
फूलों के मंडप के नीचे
अग्नि के फेरे लेते समय
झुलस जाते हैं
फिर
नीली रात की
रौशनी में
लड़का लड़की
उतारते हैं
एक दूसरे के
पिता के दिये हुए कपड़े
हो जाते हैं नंगे
दिमाग से
मन से
दिल से
लड़की रोने से भी डरती है
कि यह
कहीं कोई
दबे सवाल न पूछ लें
लड़का कुछ बताने से डरता है
कि कहीं वह
झिड़क न दे
धमनियों में बहते खून के
सूखने का
यह पहला दिन होता है
सुबह
लड़की
टाई की नॉट
टाईट करते समय कहती है
लौटते समय
सीधे घर आना
लड़का
आंखें नीचे कर
कहता है
सिर से पल्ला नहीं गिरने देना
और निकल जाता है
काम पर
लड़की
पिता के दिये हुए
दहेज के बर्तनों को
चौके में जमाने में जुट जाती है
भूल जाती है
छत पर खड़े होकर
किए हुए कुछ वादे
और देर तक हंसने वाली हंसी
शाम को
लौटते समय लड़का
ले आता है
मोंगरे की माला
नहीं रुकता
नुक्कड़ वाली चाय की दुकान पर
सिगरेट पीने
रिश्ते
टाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं----
◆ज्योति खरे
अद्भुद
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंरिश्ते टाई की नॉट की तरह ....... गहन बात ।
जवाब देंहटाएंअंदर से मुद्दे तुड़े लेकिन बाहर से सब फिट ।
बहुत गहन सृजन
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १६ जुलाई २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
आभार आपका
हटाएंवाह! रिश्तों की तह को उघेरती अद्भुत रचना।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंSir, you have hit the bullseye with the analogy. Beautiful !!👌
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंगहन सत्य ।
जवाब देंहटाएंजी सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंजी सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंरिश्ते
जवाब देंहटाएंटाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं
बहुत सुंदर और सार्थक सृजन आदरणीय।
आभार आपका
हटाएंशायद रिश्ते ऐसे ही होते हैं,टाई की ऩॉट की तरह
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
रिश्ते
जवाब देंहटाएंटाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं-
बहुत बढिया आदरणीय सर | एक टाई के लिए इतना कुछ एक कवि मन ही सोच सकता है | गहन सत्य का विशलेषण करती सार्थक रचना | हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं |
आभार आपका
हटाएंरिश्ते टाई की नॉट की तरह!!!
जवाब देंहटाएंअद्भुत एवं लाजवाब सृजन
वाह!!!
आभार आपका
हटाएंवाह!! क्या उपमा है! बहुत अच्छी रचना! सच में मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंवाह,गहन और गूढ़,पूरी रचना का एक एक शब्द बांधने में कामयाब रहा,सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंरिश्ते
जवाब देंहटाएंटाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं---
सुंदर सर.. आपने सही कहा रिश्ते ऐसे ही तो होते हैं...बाहर से जितने सरल दिखते हैं भीतर से उतने ही जटिल रहते हैं...
आभार आपका
हटाएंरिश्ते
जवाब देंहटाएंटाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं----
अदभुत.....,एक-एक पंक्ति रिश्तो पर सटीक बैठ रही है। सच,ऐसे ही जुड़ते है रिश्ते और तुड़-मुड भी जाते हैं। आपकी कल्पनाशीलता को नमन सर
आभार आपका
हटाएंरिश्ते
जवाब देंहटाएंटाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं----बिल्कुल सत्य वचन
बहुत सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
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