उम्मीद तो हरी है .........
दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
गुरुवार, मई 24, 2012
इस दौर में
महगाई के
इस दौर में
प्रेम की क्या करे बात
भूखे रहकर सूख गये
सारे के सारे जज्बात
"ज्योति खरे"
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