गुरुवार, जुलाई 22, 2021

साड़ी की प्लेट

साड़ी की प्लेट
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हाँथ की लकीरों को
जब से पढ़वाकर लौटी है
काले बादलों को भेदकर
उड़ने लगी है
कल्पनाओं के 
सातवें 
आसमान में 
उसे लगने लगा है कि
माथे पर उभरी
सलवटों पर
जब वह  
उंगलियों से छुएगा 
सलवटें सिकुड़कर
जमीन पर गिर जाएंगी
 
वह अक्सर 
अपने भीतर उभरी छवि पर
फेरने लगी उंगलियां
ठीक वैसे ही
जैसे कल्पनाओं में
उसने फेरी थी
माथे पर

सलवटें सुलझने लगी  
और जिंदा होने लगी     
पहेलियां
कि कब चुपके से 
मेरे होठों की सरसराहट में 
बन रही सलवटों को
वह अपने होंठों की 
सलवटों में सम्मलित करेगा

वह हवा में उड़ती हुई 
सोच रही थी
कि,कब कोई
मदमस्त पंछी 
मुझसे टकरायगा
घुसकर मेरी धड़कनों में
फड़फड़ायेगा

वह महसूस करने लगी
अपनी ठंडी साँसों में
उसकी साँसों की गर्माहट

वह नहीं उड़ पायी 
ज्यादा दिनों तक आसमान में
काट गए पर
और वह 
फड़फड़ाकर गिर पड़ी
जीवन के मौजूदा घर में 
माथे की सलवटे
साड़ी की प्लेट से
लिपट गयी
जिसे वह अपने हिस्से की
सलवटें समझकर 
सुबह शाम 
सुधारती है------

◆ज्योति खरे

गुरुवार, जुलाई 15, 2021

टाई की नॉट

टाई की नॉट
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लड़की ने 
पिता से पूछा
विवाह में
लड़के को 
शूट,टाई,जूते 
क्यों देते हैं
पिता 
क्या कहते 
बस सोचते रहे
बेटी के लिए 
वर ऊंची कीमत पर 
खरीदना पड़ता है
 
लड़के ने 
पिता से पूछा
विवाह में 
लड़की को
लहंगा,चुनरी,जेवर
और श्रृंगार का सामान
क्यों देते हैं
पिता ने कहा 
उसके सजने संवरने के लिए
वह क्या कहते
कि मैं 
बेटे को बेच रहा हूँ

परम्परा,संस्कार 
का पाठ सीखते 
दो पिता 
दो रिश्तों की वकालत में 
जीवन भर उलझे रहते हैं
और 
दो अजनबी
फूलों के मंडप के नीचे
अग्नि के फेरे लेते समय
झुलस जाते हैं

फिर
नीली रात की
रौशनी में
लड़का लड़की
उतारते हैं 
एक दूसरे के 
पिता के दिये हुए कपड़े
हो जाते हैं नंगे
दिमाग से
मन से 
दिल से

लड़की रोने से भी डरती है
कि यह
कहीं कोई
दबे सवाल न पूछ लें 
लड़का कुछ बताने से डरता है
कि कहीं वह
झिड़क न दे
धमनियों में बहते खून के
सूखने का 
यह पहला दिन होता है

सुबह
लड़की 
टाई की नॉट
टाईट करते समय कहती है
लौटते समय
सीधे घर आना

लड़का 
आंखें नीचे कर
कहता है
सिर से पल्ला नहीं गिरने देना
और निकल जाता है
काम पर

लड़की 
पिता के दिये हुए 
दहेज के बर्तनों को 
चौके में जमाने में जुट जाती है
भूल जाती है
छत पर खड़े होकर 
किए हुए कुछ वादे
और देर तक हंसने वाली हंसी

शाम को
लौटते समय लड़का
ले आता है
मोंगरे की माला
नहीं रुकता
नुक्कड़ वाली चाय की दुकान पर 
सिगरेट पीने

रिश्ते
टाई की नॉट की तरह
अंदर से तुड़े-मुडे
और बाहर से
सुंदर और व्यवस्थित 
दिखते हैं
सरका दो तो ढीले
खींच दो तो कस जाते हैं----

◆ज्योति खरे