सोमवार, फ़रवरी 03, 2020

प्रेम को बचाने के लिए

मेरी जमानत का
इंतजाम करके रखना

जा रहा हूं
व्यवहार की कोरी कापी में
प्रेम लिखने
हो सकता है
लिखते समय
मुझे लाठियों से मारा जाए
सिर फोड़ दिया जाए
या मेरे घर पर
पत्थर बरसायें जाए
कोतवाली में रपट लिखा दी जाए

प्रेम
खेमों और गुटों में विभाजित हो गया है

दोस्तों तैनात हो जाओ
प्रेम को बचाने के लिए---

"ज्योति खरे"