गुरुवार, फ़रवरी 17, 2022

जब से तुमने

जब से तुमने
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जब से तुमने
लहरों की तरह
उसके भीतर 
मचलना शुरू किया 
वह
समुंदर हो गया

जब से तुमने
इशारे से बुलाकर 
उसके कान में कहा 
तुम मेरे दोस्त हो 
वह
मैं बोलने लगा
सुनने भी लगा

जब से तुमने 
उसकी उंगलियों को
अपनी उंगलियों में
फसाकर 
साथ चलने को कहा
वह
अपरिचितों की भीड़ में
परिचित होने लगा

जब से तुमने 
सबके सामने 
उसको गले लगाया
वह 
साधारण आदमी से
विशेष आदमी बन गया----

◆ज्योति खरे