शुक्रवार, अगस्त 16, 2019

बच्चे सहेजना चाहते हैं

स्वतंत्रता दिवस की परेड में खड़े
इस महादेश के बच्चे
आपस में बातें कर रहें हैं
कि जहां
मजदूर,किसान,खेत और रोटी की बात होना चाहिए
वहां हथियारों की बात हो रही है

सन्नाटे में खदबदाते तनाव को
सिरे से खारिज कर
मनुष्य के बेहतर जीवन की घोषणाऐं
हो रही हैं

लेकिन इस देश के बच्चे
आज भी सरकारी स्कूल की
चूती छतों के नीचे बैठकर
अच्छा नागरिक बनने
भूखे पेट स्कूल जा रहैं हैं

ऐसे भयानक खतरनाक समय में
राष्ट्रगीत भी गाना जरुरी है

बच्चे खड़े खड़े
नई सुबह के उजाले को पकड़कर
भविष्य का तार तार बुनने का
प्रयास कर रहें हैं

युद्ध मेँ भाग रहे सैनिकों को
एक चुम्बन के बहाने
अपने पास बुला रहें हैं

बच्चे पकड़ना चाहते हैं
माँ का आंचल
दीदी की तार तार हो रही चुन्नी
थामना चाहते हैं पापा की उंगली
पहचानना चाहते हैं
अपनी सभ्यता और संस्कृति

बच्चे सहेजना चाहते हैं
दरक चुकी भारत माता की तस्वीर
आसमान को अपना समझकर
करना चाहते हैँ
ध्रुव तारे से दोस्ती.......

"ज्योति खरे"

7 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बच्चे हैं इसलिये बात कर पा रहे हैं बढ़ने दीजिये दो कदम उम्र और। डर खुद बन्द करा देगा बाते करना भी। बहुत सुन्दर।

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-08-2019) को " समाई हुई हैं इसी जिन्दगी में " (चर्चा अंक- 3430) पर भी होगी।

--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी

Prakash Sah ने कहा…

तात्कालिक परिस्थितियों के अन्य पहलूओं पर ध्यान आकर्षित कर रही है यह रचना। सार्थक।

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 17 अगस्त 2019 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद

kuldeep thakur ने कहा…


जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
18/08/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......

अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद

मन की वीणा ने कहा…

बच्चे सहेजना चाहते हैं
दरक चुकी भारत माता की तस्वीर
आसमान को अपना समझकर
करना चाहते हैँ
ध्रुव तारे से दोस्ती।
बहुत सार्थक और यथार्थ कथन हैं, पर प्रश्र यह है कि ये मासूम जज़्बा रहता कब तक है।
अप्रतिम।