गुरुवार, फ़रवरी 25, 2021

बूढ़ी महिलाएं

बूढ़ी महिलाएं
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अपनी जवानी को 
गृहस्थी के 
हवन कुंड में तपाकर
सुनहरे रंग की हो चुकी
बूढ़ी महिलाएं
अपने अपने घरों से निकलकर
इकठ्ठी हो गयी हैं

गुस्से से भरी
ये बूढ़ी महिलाएं
कह रहीं हैं
जमीन से उठती
संवेदनाओं पर
ड़ाली जा रही है मिट्टी

अब हम 
जीवन भर साध के रखी 
अपनी चुप्पियों को 
तोड़ रहें हैं
डाली जा रही 
मिट्टी को हटाकर
आने वाले समय के लिए
रास्ता बना रहे हैं--

"ज्योति खरे"

33 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह , कभी तो रास्ता बने । बहुत खूब

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर और सारगर्भित।

Onkar ने कहा…

सुन्दर कविता

मन की वीणा ने कहा…

गहन! हृदय स्पर्शी रचना।

Sweta sinha ने कहा…

काश की रास्ता बन जाये।
गहन विचारों से गूँथी स्त्री विमर्श पर सुंदर रचना आदरणीय सर।

प्रणाम।
सादर।

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

ज्योति सिंह ने कहा…

वाह, लाजवाब , जब जागो तभी सवेरा , तब नहीं तो अब जी ले , हृदयस्पर्शी रचना , सादर नमन, उम्मीद हरी ही रहनी चाहिए

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत ही बढ़िया लिखा है

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

एक अच्छी शुरुआत हो । बहुत सुंदर ।

Kamini Sinha ने कहा…

अब हम
जीवन भर साध के रखी
अपनी चुप्पियों को
तोड़ रहें हैं
डाली जा रही
मिट्टी को हटाकर
आने वाले समय के लिए
रास्ता बना रहे हैं--

बहुत खूब,काश ! ये सत्य हो जाए ,सादर नमन आपको

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

अति सुंदर भावपूर्ण रचना

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Manisha Goswami ने कहा…

at 8:42 PM
आप से निवेदन है,कि हमारी कविता भी एक बार देख लीजिए और अपनी राय व्यक्त करने का कष्ट कीजिए आप की अति महान कृपया होगी
Reply

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Manisha Goswami ने कहा…

at 8:42 PM
आप से निवेदन है,कि हमारे ब्लॉग को भी एक बार देख लीजिए और अपनी राय व्यक्त करने का कष्ट कीजिए आप की अति कृपया होगी
Reply

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Manisha Goswami ने कहा…

at 8:42 PM
आप से निवेदन है,कि हमारी कविता भी एक बार देख लीजिए और अपनी राय व्यक्त करने का कष्ट कीजिए आप की अति महान कृपया होगी
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Vocal Baba ने कहा…

यह रास्ता जरूरत है और जरूर बनेगा । सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए आपको बधाई।

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Manisha Goswami ने कहा…

सर!बहुत ही उमदा, सच में काबिल-ए-तारीफ है!

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

यथार्थपूर्ण सुंदर रचना ..मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है ..सादर नमन ..

Jyoti khare ने कहा…

आभार आपका

Dr Varsha Singh ने कहा…

लीजिए मैं as a follower यहां उपस्थित हूं।
आदरणीय, मैं अभी तक यही समझ रही थी कि मैं वर्षों पहले से आपकी follower हूं। आपने मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी की तो यहां कर यथार्थ से वाकिफ़ हुई कि मैं आज तक चर्चा मंच आदि के माध्यम से ही आपकी रचनाओं का रसास्वादन करती रही हूं।

हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
आपके ब्लॉग की नवीनतम फॉलोअर,
डॉ. वर्षा सिंह

Jyoti khare ने कहा…

बहुत बहुत आभार आपका

रेणु ने कहा…

जो बहुत कुछ सहते हैं, वही आने वाली पीढ़ियों के लिए नए रास्ते बनाते हैं | बूढी औरतों के माध्यम से बहुत कुछ कहती रचना आदरणीय सर | सादर शुभकामनाएं और आभार |