उम्मीद तो हरी है .........
दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
शनिवार, अगस्त 04, 2012
भूख से बेहाल बच्चे को
बिक गयी बज़ार में हजारों टन मिठाई
एक टुकड़ा भी नहीं हुआ नसीब
भूख से बेहाल बच्चे को
बीनता है पन्नी हमारे घरों के करीब......
"ज्योति खरे "
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