ओ मेरी सुबह
बिन बुलाये ही पहुंच जाती हो
घर-घर
बिखेर देती हो उदारता से
शुभदिन की शुभकामनायें------
बिन बुलाये ही पहुंच जाती हो
घर-घर
बिखेर देती हो उदारता से
शुभदिन की शुभकामनायें------
ओ मेरी सुबह
कहां से लाती हो
इतना उजलापन--------
"ज्योति खरे"
चित्र-गूगल से साभार
कहां से लाती हो
इतना उजलापन--------
"ज्योति खरे"
चित्र-गूगल से साभार