चिल्लाकर मुहं खोल बे
हल्ला बोल,हल्ला बोल बे----
नेताओं की तोंद देखकर
पचका पेट टटोल बे----
सुरा सुंदरी और सत्ता का
स्वाद चखो बकलोल बे----
सत्ता नाच रही सड़कों पर
चमचे बजा रहे ढोल बे----
बहुमत का फिर हंगामा
बता दे अपना मोल बे----
भिखमंगे जब बहुमत मांगें
खोल दे इनकी पोल बे----
तेरे बूते राजा और रानी
दिखा दे अपना रोल बे----
बेशकीमती लोकतंत्र को
फ़ोकट में मत तॊल बे----
अब मतदान नहीं करना
कानों में रस घोल बे----
"ज्योति खरे"
हल्ला बोल,हल्ला बोल बे----
नेताओं की तोंद देखकर
पचका पेट टटोल बे----
सुरा सुंदरी और सत्ता का
स्वाद चखो बकलोल बे----
सत्ता नाच रही सड़कों पर
चमचे बजा रहे ढोल बे----
बहुमत का फिर हंगामा
बता दे अपना मोल बे----
भिखमंगे जब बहुमत मांगें
खोल दे इनकी पोल बे----
तेरे बूते राजा और रानी
दिखा दे अपना रोल बे----
बेशकीमती लोकतंत्र को
फ़ोकट में मत तॊल बे----
अब मतदान नहीं करना
कानों में रस घोल बे----
"ज्योति खरे"