जंगली जड़ी बूटियों पर
डाका पड़ने के बाद
जम गई है
पेड़ों के घुटनों में
मवाद ---
सुबह से ही
सीमेंट की ऊंची टंकी पर बैठकर नहाता है दिनभर --
चांद
गिट्टियों की शक्ल में
पहाड़
कच्ची बस्तियों में ----
दब चुकी बस्ती में
कुछ नहीं बचा "ज्योति खरे"
चित्र
गूगल से साभार