उम्मीद तो हरी है .........
दौर पतझड़ का सही, उम्मीद तो हरी है
मंगलवार, अप्रैल 09, 2013
सवेरा नहीं हुआ------
बहुत उम्मीद से
तलाशते रहे सहारा
बे-घरों का
बसेरा नहीं हुआ-----
अंधेरे में चले थे
उजाला पकडने
सूरज तो दिखा
सवेरा नहीं हुआ------
"ज्योति खरे"
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