गजब का जलवा है तुम्हारा
डंके की चोट पर
गली गली
स्थापित कर के रखे हो
अपना लिंग
और गुंडागर्दी तो देखो
दूध,दही,शहद से नहलाओ
फल फूल चढाओ
कोमल अखंडित
तीन पत्ती वाली
बेलपत्री रखो
तब मिलेगा पीने
चरणामृत
मजाल है कोई कर दे
तुम्हारे सामने नंगई
ना बांधे कोई भक्त
विरोध शमन का
रक्षासूत्र
कुचारवा देते हो
नंदियों से
कमाल के गोटीबाज हो
हड़का कर रखते हो
भक्तों को
वाह भोले वाह--------
"ज्योति खरे"