दरकी जमीन पर नई किस्म का बीज
मखमली हरी घास
अपने खोने का हिसाब किताब------
और तुम
अपनी नाजुक नेलपालिश लगी उंगलियों से
संवारती रहती हो
गमले में लगे केक्ट्स----
मेरे साथ चलो
कुछ खोयेंगे
प्रेम की नयी परिभाषा लिखेंगे
केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे
रंगबिरंगे फूल-------
रंगबिरंगे फूल-------
"ज्योति खरे"
चित्र गूगल से साभार