मेरी जमानत का
इंतजाम करके रखना
जा रहा हूं
व्यवहार की कोरी कापी में
प्रेम लिखने
हो सकता है
लिखते समय
मुझे लाठियों से मारा जाए
सिर फोड़ दिया जाए
या मेरे घर पर
पत्थर बरसायें जाए
कोतवाली में रपट लिखा दी जाए
प्रेम
खेमों और गुटों में विभाजित हो गया है
दोस्तों तैनात हो जाओ
प्रेम को बचाने के लिए---
"ज्योति खरे"