गुरुवार, फ़रवरी 27, 2020

सावधान हो जाओ


बादल दहाड़ते आते हैं
बिजली
बार-बार चमककर
जीवन के
उन अंधेरे हिस्सों को दिखाती है
जिन्हें हम अनदेखा कर
अपनी सुविधानुसार जीते हैं
और सोचते हैं कि,
जीवन जिया जा रहा है बेहतर

बादल बिजली का यह खेल
हमें कर रहा है 
सचेत और सर्तक
कि, सावधान हो जाओ
आसान नहीं है अब
जीवन के सीधे रास्ते पर चलना

लड़ने और डटे रहने के लिए
एक जुट होने की तैयारी करो

बेहतर जीवन जीने के लिए
पार करना पड़ेगा
बहुत गहरा दलदल ----


शुक्रवार, फ़रवरी 14, 2020

अपन दोनों

देखते,सुनते,झगड़ते चौंतीस वर्ष   
हो गये
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तुम्हारे मेंहदी रचे हाथों में
रख दी थी मैंने
अपनी भट्ट पड़ी हथेली
और तुमने
महावर लगे पांव
रख दिये थे 
मेरे खुरदुरे आंगन में

साझा संकल्प लिया था 
कि,बढेंगे मंजिल की तरफ एक साथ

सुधारने लगे खपरैल छत
जिसमें
गर्मी में धूप 
छनकर नहीं
सूरज के साथ उतर आती थी
बरसात बिना आहट के
सीधे कमरे में बरस जाती थी
कच्ची मिट्टी के घर को
बचा पाने की विवशताओं में
पसीने की नदी में
फड़फड़ाते तैरते रहे 

फासलों को हटाकर
अपने सदियों के संकल्पित
सपनों की जमीन पर लेटकर
प्यार की बातें करते रहे
अपन दोनों

साझा संकल्प तो यही लिया था
कि,मार देंगे
संघर्ष के गाल पर तमाचा
और जीत के जश्न में
हंसते हुए
एक दूसरे में
डूब जायेंगे 
अपन दोनों---

"ज्योति खरे"

बुधवार, फ़रवरी 05, 2020

मेरी नागरिकता की पहचान


मेरी नागरिकता की पहचान
उसी दिन घोषित हो गयी थी
जिस दिन
दादी ने
आस-पड़ोस में
चना चिंरोंजी
बांटते हुए कहा था
मेरे घर
एक नया मेहमान आने वाला है
मेरी नागरिकता की पहचान
उसी दिन घोषित हो गयी थी
जिस दिन
मेरी नानी ने
छत पर खड़े होकर
पड़ोसियों से कहा था
मैं नानी बनने वाली हूं
मेरी नागरिकता की पहचान
किसी सरकारी सफेद पन्ने पर
काली स्याही से नहीं
लिखी गयी है
मेरी पहचान तो
मां के पेट में उभरी
लकीरों में दर्ज है
जो कभी मिटती नहीं हैं
सृष्टि का यह सत्य
हमारी नागरिकता की वास्तविक
पहचान है---

सोमवार, फ़रवरी 03, 2020

प्रेम को बचाने के लिए

मेरी जमानत का
इंतजाम करके रखना

जा रहा हूं
व्यवहार की कोरी कापी में
प्रेम लिखने
हो सकता है
लिखते समय
मुझे लाठियों से मारा जाए
सिर फोड़ दिया जाए
या मेरे घर पर
पत्थर बरसायें जाए
कोतवाली में रपट लिखा दी जाए

प्रेम
खेमों और गुटों में विभाजित हो गया है

दोस्तों तैनात हो जाओ
प्रेम को बचाने के लिए---

"ज्योति खरे"