रविवार, सितंबर 28, 2014

अम्मा का आशीष- मुझे मिला सरस्विता पुरस्कार---

 
              प्रसिद्ध रचनाकार,ब्लॉगर रश्मि प्रभा जी की
माताश्री सरस्वती प्रसाद जी की पहली पुण्यतिथि पर
"सरस्वती प्रसाद को समर्पित--सरस्विता पुरस्कार"
स्पोर्ट्स एंड रिक्रिएशन क्लब मयूर विहार,दिल्ली में
विख्यात साहित्यकार डॉ.सरोजनी प्रीतम ,
सुप्रसिद्ध कथाकार चित्रा मुदगल ,
वरिष्ठ कवि व गीतकार बालस्वरूप राही जी के
मुख्य आथित्य में 19 सितम्बर 2014 की शाम
वितरित किए गए.साथ ही रश्मि प्रभा जी के संपादन
में हिंदी युग्म से प्रकाशित
सरवस्ती प्रसाद जी की रचनाओं का संकलन
"एक थी तरु"का भी विमोचन हुआ.


सरस्विता पुरस्कार तीन विधाओं में दिये गये---
1. संस्मरण में- लावण्या शाह
2. कहानी में- डॉ स्वाति पांडे नलावडे
3. कविता में- ज्योति खरे
 इस गरिमामयी एवं भव्य समारोह की सबसे महत्वपूर्ण बात
यह थी कि प्रसाद परिवार की चार पीढ़ियों ने
स्व.सरस्वती प्रसाद जी को श्रद्धांजलि दी
एवं संगठित,संस्कारित विचारधारा की द्रष्टि भी
समाज के सामने प्रस्तुत की.

इस समारोह में वंदना गुप्ता, अंजू चौधरी, नीलिमा शर्मा,
मा समता,मुकेश कुमार सिन्हा,शैलेष भारतवासी,सरस दरबारी,
सोनिया गौड,मृदुला प्रधान,अपर्णा अनेकवर्णा, केदार नाथ,
अल्पना प्रिया राज, प्रिया गौतम की उल्लेखनीय उपस्थिति रही.
रश्मि प्रभा जी का अनूठा संयोजन,इनकी बहन
नीलम प्रभा का शिष्ट और मन को भावुक करने वाला
संचालन सचमुच अम्मा की आत्मा को समारोह में

उतार लाया था--- 
 









                  ज्योति खरे 

 

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