सोमवार, फ़रवरी 03, 2014

वाह !! बसंत--------

 
                     अच्छा हुआ
                     इस सर्दीले वातावरण में
                     लौट आये हो--
 
                     बदल गई
                     बर्फीले प्रेम की तासीर
                     जमने लगीं
                     मौसम की नंगी देह पर
                     कुनकुनाहट-----
 
                     लम्बे अवकाश के बाद
                     सांकल के भीतर
                     होने लगी खुसुर-पुसुर
                     इतराने लगी दोपहर
                     गुड़ की लईया चबाचबा कर-----

 
                     वाह! बसंत
                     तुम अच्छे लगते हो
                     प्रेम के गीत गाते----

                                       "ज्योति खरे" 

चित्र- गूगल से साभार










25 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुंदर...
आप को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं.

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर वाह !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बसंत का स्वागत है ... बहुत सुन्दर

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत ही खूब ... सादगी ओर सहज ही कहने का अंदाज़ दिल को छू गया ... लाजवाब ...

कौशल लाल ने कहा…

बहुत सुन्दर.....

HARSHVARDHAN ने कहा…

सुन्दर काव्य प्रस्तुति।। :-)

आपको बसन्तपंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।।

नई कड़ियाँ : गौरैया के नाम

फरवरी माह के महत्वपूर्ण दिवस

Dr. pratibha sowaty ने कहा…

wah

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

sundar ...mnbhawan ......

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति को आज की बसन्त पंचमी, विश्व कैंसर दिवस, फेसबुक के 10 साल और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Ranjana verma ने कहा…

बहुत सुंदर..... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं...

Ranjana verma ने कहा…

बहुत सुंदर..... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं...

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कितना सहज-सरल जुड़ाव ऋतु का जन-जीवन से - वसंत का आगमन सुन्दर सृजन का प्रेरक हो!

वाणी गीत ने कहा…

अच्छे लगते हो बसंत प्रेम के गीत गाते !
तभी तो खूबसूरत है वसंत जिंदगी से भरपूर !

Satish Saxena ने कहा…

बहुत सुंदर वर्णन ! आभार आपका

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

गजब है वसंत की गूंज।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

अति सुंदर..... वासंतिक भाव....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति...!
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
RECENT POST-: बसंत ने अभी रूप संवारा नहीं है

Vaanbhatt ने कहा…

बसंत की शुभकामनाएं...

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

बेहद खूबसूरत ..... शब्द शिल्प और भाव .... शुभकामनायें

बेनामी ने कहा…

वाह! बसंत
तुम अच्छे लगते
प्रेम के गीत गाते...
बहुत सुंदर रचना ...!!!

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

वाह! बसंत
तुम अच्छे लगते हो
प्रेम के गीत गाते---

बहुत खूबसूरत भाव.
सुन्दर रचना के लिए बधाई.