शुक्रवार, जुलाई 12, 2013

फूलों ने आने की खबर भेजी है-------

                                 बात क्षितिज पर बनाये रखिए
                                 हो-हल्ला हरदम मचाये रखिए-----
 
                                 काठ के पैर ठेके से बने हैं
                                 कठपुतली बना नचाये रखिए-----
 
                                 फूलों ने आने की खबर भेजी है
                                 कांटों से कमरा सजाये रखिए-----
 
                                 जान बचा भाग रही घबड़ाई भीड़
                                 आप अपने को बचाये रखिए-----

                                                               "ज्योति खरे"    

चित्र गूगल से साभार

35 टिप्‍पणियां:

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सुंदर.....
~सादर!!!

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
latest post केदारनाथ में प्रलय (२)

रश्मि शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्‍तुति..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

वाह!!!बहुत सुंदर गजल...

RECENT POST ....: नीयत बदल गई.

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए-----

बहुत बढ़िया ग़ज़ल...

सादर
अनु

Vandana Ramasingh ने कहा…

काठ के पैर ठेके से बने हैं
कठपुतली बना नचाये रखिए----

bahut badhiya

Ranjana verma ने कहा…

बेहतरीन ग़ज़ल बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .......!!

Aparna Bose ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए----behtareen

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुंदर भाव ,शुभकामनाये,

Amrita Tanmay ने कहा…

क्या खूब..

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

लाजवाब गजल.

रामराम.

रविकर ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति |
आभार आदरणीय ||

रविकर ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति |
आभार आदरणीय ||

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सही सलाह देती खूबसूरत गज़ल

ज्योति-कलश ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए----बहुत भावपूर्ण !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

Aditi Poonam ने कहा…

बहुत सुंदर भावभीनी ग़ज़ल....
साभार....


Maheshwari kaneri ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए-..बहुत सुन्दर गज़ल..

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत ही बढियां गजल...
:-)

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14 -07-2013) के चर्चा मंच -1306 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

सारिका मुकेश ने कहा…

साधुवाद और बधाई!
सादर/सप्रेम,
डॉ. सारिका मुकेश

सुज्ञ ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए...

लाजवाब भाव

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

विडंबना पर आशावाद का अच्‍छा आभास देती पंक्तियां

Rajesh Kumari ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति

राहुल ने कहा…

खूब.लाजवाब..

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

क्या खुब कही ..काँटो से कमरा सजाये रखिये .. नमन

Asha Joglekar ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है,
कांटों से कमरा सजा के रखिये ।

क्या बात कही है बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

bahut badhiya

Aditya Tikku ने कहा…

shandar-***

Unknown ने कहा…

bahut vadiya..........

Manjusha negi ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुती

सदा ने कहा…

फूलों ने आने की खबर भेजी है
कांटों से कमरा सजाये रखिए...
....... बहुत खूब

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जान बचा भाग रही घबड़ाई भीड़
आप अपने को बचाये रखिए-----
आज के सन्दर्भ को सार्थक करती .... सुन्दर रचना ...

Unknown ने कहा…

bahut sundar.plz visit my blog

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत सुन्दर... बधाई.

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बहुत बहुत सुंदर