चांदी हो गयी बैनर,पोस्टर बनाने वालों की
अंग्रेजी शराब दुगनी कीमत पर बिकने लगी
युवाओं के चेहरों में चमक आ गयी
घबड़ाहट में खरीदकर ले आयीं
स्वयं सेवी महिलायें
काटन की सालग्रस्त साडियां-----
मची गयी सरकार में गहमा-गहमी
कि----कौन---इस विषय में अच्छा बोलेगा
सरकार बचाने का मूल्य तौलेगा
प्रशासन ने सेना को बुलवा लिया
सच को कुचलने की योजना बना ली है------
यह सम्पूर्ण तैयारी
राजघाट में एक शव को रखे जाने की है
जिसे पंचनामे के बाद
राजघाट में एक शव को रखे जाने की है
जिसे पंचनामे के बाद
रात के अंतिम पहर दफना दिया जायेगा
मौन श्रधांजली देकर
मौन श्रधांजली देकर
सरबजीत को
भुला दिया जायेगा--------
"ज्योति खरे"
39 टिप्पणियां:
शुभप्रभात
मौन श्रधांजली देकर सरबजीत को भुला दिया जायेगा--------
किसी दुसरे का इंतज़ार किया जाएगा
सादर
शुभप्रभात
मौन श्रधांजली देकर सरबजीत को भुला दिया जायेगा--------
किसी दुसरे का इंतज़ार किया जाएगा
सादर
asliyat koso door rahti hai dikhawon ke aage ....
ढोंग-पाखण्ड का नाटक चलता रहेगा... बढ़िया पोस्ट ...
बढ़िया पोस्ट
सब नकाब पोश हैं बस नाटक कर रहें है..
सब नकाब पोश हैं बस नाटक कर रहें है..
पहले सरकार कुछ नहीं करती ... बाद में लकीर पीटने का काम बखूबी करती है ।
जिसे पंचनामे के बाद
रात के अंतिम पहर दफना दिया जायेगा
यह सब भी करने की क्या जरूरत है उन्हें ...
भूल जाने कल तक दुख
आज की राजनीति का निर्माण हो रहा है
एक यादगार प्रस्तुति। आभार
एक यादगार प्रस्तुति। आभार
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(4-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!
aaj ke neta jab apane pariwar ko hi dhokha de rahe hai to vo sarv jeet ya kisi anya aam aadami ka kya shok karenge dikhava bhi unaki rajanaitik (vyavasayika) majaburi hai.
आज की ब्लॉग बुलेटिन तुम मानो न मानो ... सरबजीत शहीद हुआ है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सबके सब चुनाव चक्कर में दिखावा कर रहे है
lateast post मैं कौन हूँ ?
latest post परम्परा
नकाबपोशों की दुनियां है,बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.
कब खत्म होगा ये सिलसिला. सुन्दर रचना.
पाखण्डीयों कि दुनिया है !!
एक दिन का यह तमाशा दिखाने से हमारे मदारी क्यों चूकें !
दुखद ....!!!
बेहतरीन शब्द चयन और बहुत ही सशक्त भावाभिव्यक्ति ! अति सुन्दर !
बहुत उम्दा, सशक्त अभिव्यक्ति,,,
RECENT POST: दीदार होता है,
बेहतरीन व सशक्त अभिव्यक्ति
कड़वा सच
जैसे आरुषि भुला दी गयी. जैसे आर्य भुला दी गयी, जैसे दामिनी भूल दी गयी, वैसे ही सरबजीत को भी भुला दिया जाएगा और हम सब भी वापस अपने काम धंधे पर लग जायेंगे.
सच्ची बात कही जी
बिलकुल सही कहा है आप ने
सुनियोजित और सुनियंत्रित नाट्य मंचन.
संवेदनशील प्रस्तुति.
यही रीति है हमारी ...
नोट कमाने की सोंचे या शहीदों के लिए रोयें ..??
बहुत ही सुन्दर लेख
हिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये इसे एक बार अवश्य देखें,
लेख पसंद आने पर टिप्प्णी द्वारा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें
MY BIG GUIDE
स्मरणीय प्रस्तुति,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
सच का आईना दिखलाती रचना.
एक नया पाखण्ड ...चुनाव जीतने के लिए ये लोग अब कितना नौटंकी करेंगे
कितना कठोर है सत्य ...
जब असंख्य कुर्बानियों को भुला दिया तो ये क्या है ...
bilkul sahi kaha hai !
Bahut sunder aur satya sree..hardik badhai ji
देश का बेटा मरा है और सत्ता सो रही है .
आम जनता राजपथ को आसुंओं से धो रही है .
देख कर मासूम चहरा लापता सर याद आया -
ये शहीदों की धरा अब कायरों पे रो रही है .
-- नरोत्तम व्यास .
excellent...
दिखावे की ही दुनिया है आजकल
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