प्रारंभ में
एक दीपक जला
उजाला दूर दूर तक फैला
और भटकते अंधेरों से लड़ने लगा
संवेदनाओं के चंगुल में फंसा
जनमत के बाजार में
नीलाम हुआ
जूझता रहा आंधियों से
नहीं ख़त्म होने दी
अपनी,टिमटिमाहट
जूझता रहा आंधियों से
नहीं ख़त्म होने दी
अपनी,टिमटिमाहट
बारूद के फूलों की पंखुड़ियों पर
लिख रहा है
अपने होने का सच
दीपक
आज भी उजाले को
मुट्ठियों में भर भर कर
घर घर पहुंचा रहा है---
घर घर पहुंचा रहा है---
" ज्योति खरे "
18 टिप्पणियां:
दीपक
आज भी उजाले को
मुट्ठियों में भर भर कर
घर घर पहुंचा रहा है---
bahut sundar bhav ..deepavali ki shubhkamnaye ..
बहुत सुंदर !!
दीपावली कि हार्दिक शुभकामना !!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (03-11-2013) "बरस रहा है नूर" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1418 पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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प्रकाशोत्सव दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर. दीवाली की शुभकामनायें.
पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
गावदी = मूर्ख / अबोध
बहुत सुन्दर !
दीपावली की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
sundr rachna sr
दीपक की दीपशिखा यूं ही जलती रहे ...
दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति !
दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
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RECENT POST -: दीप जलायें .
आप सभी को सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और मंगलकामनायें !!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन आई थोड़ी मीठी - थोड़ी खट्टी दिवाली - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
दीपक की तरह आप भी उजाला फैलाएँ :)
दीपोत्सव की शुभकामनायें !!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति !
दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
उजले शब्दों का अनुपम प्रकाश लिये ...
अनुपम अभिव्यक्ति
दीपोत्सव की अनंत शुभकामनाएं
AApka Deepak ujala muththi me bharkar youn hee lutata rahe.
Shubh deepawali par sarthak rachana.
Asha hai depwali such se beet rahee hai.
Aapka Deepak youn hee ujala lutata rahe muththiyan bhar bhar.
Shubh Deepawali. sunder kawita ke liye sashuwad sweekaren
बहुत ही सुन्दर कविता । चाहे जितना भी घना अन्धकार हो उसे दूर करने के लिए एक छोटा दीपक ही काफी है ।
अनुपम अभिव्यक्ति !!!
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